हम अपना सब कुछ सौंप चुके, हे नाथ तुम्हारे चरणों में

हम अपना सब कुछ सौंप चुके, हे नाथ तुम्हारे चरणों में।
लौ लगी रहे निशदिन अब तो, हे नाथ तुम्हारे चरणों में॥

करुणाकर अब तो आ जाओ, इस मन मन्दिर में बस जाओ।
निष्काम दीप से सदा जलें, हे नाथ तुम्हारे चरणों में॥

दो वर, पर दुःख हम सदा हरें, केवल तेरे हित कर्म करें।
श्रद्धा के पावन सुमन धरें, हे नाथ तुम्हारे चरणों में॥

हों मंगलमय सबकी राहें, पूरी हों सबकी शुभ चाहें।
हो यह जीवन अर्पित केवल, हे नाथ तुम्हारे चरणों में॥