प्रभु तुझमें मैं मिल जाऊँ, यह सुमन चढ़ाऊँ

प्रभु तुझमें मैं मिल जाऊँ, यह सुमन चढ़ाऊँ।
प्रभु तुझमें मैं मिल जाऊँ, यह सुमन चढ़ाऊँ॥
यह सुमन चढ़ाऊँ, यह सुमन चढ़ाऊँ॥
प्रभु तुझमें मैं मिल जाऊँ, यह सुमन चढ़ाऊँ॥

केवल एक यही है इच्छा, शरण रहूँ मैं तेरी।
साँस-साँस में तुम्हीं विराजो, टेर सुनो अब मेरी॥
अन्तर में तुम्हें समाऊँ, हर पल तुझको ही ध्याऊँ॥
प्रभु तुझमें मैं मिल जाऊँ, यह सुमन चढ़ाऊँ।
प्रभु तुझमें मैं मिल जाऊँ, यह सुमन चढ़ाऊँ॥
यह सुमन चढ़ाऊँ, यह सुमन चढ़ाऊँ॥
प्रभु तुझमें मैं मिल जाऊँ, यह सुमन चढ़ाऊँ॥

दीन दुःखी की सेवा में ही, शेष कटे यह जीवन।
हर आँसू मुस्कान बना दूँ, ऐसा हो अब हर क्षण॥
गिरतों को पुनः उठाऊँ, विश्राम इसी में पाऊँ॥
प्रभु तुझमें मैं मिल जाऊँ, यह सुमन चढ़ाऊँ।
प्रभु तुझमें मैं मिल जाऊँ, यह सुमन चढ़ाऊँ॥
यह सुमन चढ़ाऊँ, यह सुमन चढ़ाऊँ॥
प्रभु तुझमें मैं मिल जाऊँ, यह सुमन चढ़ाऊँ॥

आस यही है मेरे स्वामी, साथ सदा ही रहना।
थक जाऊँ मैं जब भी पथ में, हाथ हमारे गहना॥
आशीष तुम्हारा पाऊँ, छाया तेरी बन जाऊँ॥
प्रभु तुझमें मैं मिल जाऊँ, यह सुमन चढ़ाऊँ।
प्रभु तुझमें मैं मिल जाऊँ, यह सुमन चढ़ाऊँ॥
यह सुमन चढ़ाऊँ, यह सुमन चढ़ाऊँ॥
प्रभु तुझमें मैं मिल जाऊँ, यह सुमन चढ़ाऊँ॥