पितु-मातु सहायक स्वामि सखा, तुम ही एक नाथ हमारे हो

पितु-मातु सहायक स्वामि सखा, तुम ही एक नाथ हमारे हो।
पितु-मातु सहायक स्वामि सखा, तुम ही एक नाथ हमारे हो॥

जिनके कछु और आधार नहीं, तिनके तुम ही रखवारे हो।
पितु-मातु सहायक स्वामि सखा, तुम ही एक नाथ हमारे हो॥

प्रति पालक हो सारे जग के, अतिशय करुणा उर धारे हो।
पितु-मातु सहायक स्वामि सखा, तुम ही एक नाथ हमारे हो॥

भूले हैं हम तुमको तुम तो, हमरी सुधि नाहिं बिसारे हो।
पितु-मातु सहायक स्वामि सखा, तुम ही एक नाथ हमारे हो॥

उपकारन को कछु अन्त नहीं, छिन ही छिन जो विस्तारे हो।
पितु-मातु सहायक स्वामि सखा, तुम ही एक नाथ हमारे हो॥

महाराज! महा महिमा तुम्हरी, समझे विरले बुधिवारे हो।
पितु-मातु सहायक स्वामि सखा, तुम ही एक नाथ हमारे हो॥

इस जीवन के तुम जीवन हो, इन प्राणन के तुम प्यारे हो।
पितु-मातु सहायक स्वामि सखा, तुम ही एक नाथ हमारे हो॥

तुम से प्रभु की नर पाय झलक, केहि के अब और सहारे हो।
पितु-मातु सहायक स्वामि सखा, तुम ही एक नाथ हमारे हो॥

सुख शान्ति-निकेतन प्रेम निधे, मन-मन्दिर के उजियारे हो।
पितु-मातु सहायक स्वामि सखा, तुम ही एक नाथ हमारे हो॥

पितु-मातु सहायक स्वामि सखा, तुम ही एक नाथ हमारे हो।
पितु-मातु सहायक स्वामि सखा, तुम ही एक नाथ हमारे हो॥
पितु-मातु सहायक स्वामि सखा, तुम ही एक नाथ हमारे हो॥