ज्योतियाँ जिससे जलें अनेक, जलाओ ऐसा दीपक एक

ज्योतियाँ जिससे जलें अनेक, जलाओ ऐसा दीपक एक।
ज्योतियाँ जिससे जलें अनेक, जलाओ ऐसा दीपक एक॥

बुझे जो तूफानों में नहीं, जले अविराम, तिमिर कर दूर।
धरा पर लाये पुण्य प्रकाश, स्नेह तुम दो इतना भरपूर॥
पन्थ ज्योतित हो उठें अनेक, जलाओ ऐसा दीपक एक॥
ज्योतियाँ जिससे जलें अनेक, जलाओ ऐसा दीपक एक।
ज्योतियाँ जिससे जलें अनेक, जलाओ ऐसा दीपक एक॥

प्रलय की झंझा में बुझ गए, न जाने कितने दीपक अजान।
जला दो गाकर दीपक राग, बावरे बैजू की बन तान॥
प्रेरणा भर दो ऐसी एक, स्वतः जागृत हों उठें अनेक॥
ज्योतियाँ जिससे जलें अनेक, जलाओ ऐसा दीपक एक।
ज्योतियाँ जिससे जलें अनेक, जलाओ ऐसा दीपक एक॥

सृजन हो नया, सृष्टि हो नई, लगन हो नई, नया विश्वास।
हृदय में ले अदम्य उत्साह, रचें फिर से नूतन इतिहास॥
पीर यदि भर दो ऐसी एक, कंठ से निकलें गीत अनेक॥
ज्योतियाँ जिससे जलें अनेक, जलाओ ऐसा दीपक एक।
ज्योतियाँ जिससे जलें अनेक, जलाओ ऐसा दीपक एक॥