यह जीवन पुष्प समर्पित है, शुभ चरणों के अर्चन में

यह जीवन पुष्प समर्पित है, शुभ चरणों के अर्चन में।
यह जीवन पुष्प समर्पित है, शुभ चरणों के अर्चन में॥

लय-छन्दों में, करूँ असीमित, की कैसे मनुहार।
अमर रूप को भेंटूँ कैसे, क्षण भंगुर उपहार॥
हुए मूक स्वर, वंदन में, शुभ चरणों के अर्चन में।
हुए मूक स्वर, वंदन में, शुभ चरणों के अर्चन में॥
यह जीवन पुष्प समर्पित है, शुभ चरणों के अर्चन में।
यह जीवन पुष्प समर्पित है, शुभ चरणों के अर्चन में॥

मृगमय नयनों से मैं कैसे, देखूँ तेरी प्रभुता।
छू सकती असीम को कैसे, जड़ काया की लघुता॥
सचमुच बहुत, अकिंचन मैं, शुभ चरणों के अर्चन में।
सचमुच बहुत, अकिंचन मैं, शुभ चरणों के अर्चन में॥
यह जीवन पुष्प समर्पित है, शुभ चरणों के अर्चन में।
यह जीवन पुष्प समर्पित है, शुभ चरणों के अर्चन में॥

काँप रहे मन वीणा के स्वर, कैसे तुम्हें बुलाऊँ।
विकल वेदना अपने उर की, आँसू में छलकाऊँ॥
भाव भरे बस रुदन में, शुभ चरणों के अर्चन में।
भाव भरे बस रुदन में, शुभ चरणों के अर्चन में॥
यह जीवन पुष्प समर्पित है, शुभ चरणों के अर्चन में।
यह जीवन पुष्प समर्पित है, शुभ चरणों के अर्चन में॥

तप्त हृदय के उर मरुथल में, बनो प्रभु रस-धारा।
बरस उठे मेरा मन सावन, पा कर प्रेम तुम्हारा॥
चिर आशा मेरे मन में है, शुभ चरणों के अर्चन में।
चिर आशा मेरे मन में है, शुभ चरणों के अर्चन में॥
यह जीवन पुष्प समर्पित है, शुभ चरणों के अर्चन में।
यह जीवन पुष्प समर्पित है, शुभ चरणों के अर्चन में॥

तेरी ज्योति जले अन्तर में, फैले चिर उजियारा।
ज्योतिर्मय तुमसे ही ज्योतित, हो मेरा जग सारा॥
लगे लगन प्रभु चरणन में, शुभ चरणों के अर्चन में।
लगे लगन प्रभु चरणन में, शुभ चरणों के अर्चन में॥
यह जीवन पुष्प समर्पित हो, शुभ चरणों के अर्चन में।
यह जीवन पुष्प समर्पित हो, शुभ चरणों के अर्चन में॥
यह जीवन पुष्प समर्पित हो, शुभ चरणों के अर्चन में॥