तुम्हारे हैं हम प्रभु तुम्हारे रहेंगे, तुम्हारे लिए हम सभी कुछ सहेंगे

तुम्हारे हैं हम प्रभु तुम्हारे रहेंगे,
तुम्हारे लिए हम सभी कुछ सहेंगे।
तुम्हारे लिए हैं तुम्हारे रहेंगे,
तुम्हारे हैं हम प्रभु तुम्हारे रहेंगे॥

हमें स्वार्थ वैभव लुभाता नहीं है,
तुम्हारे बिना कुछ सुहाता नहीं है।
तुम्हें जो रुचेगा वही हम करेंगे॥
तुम्हारे लिए हैं तुम्हारे रहेंगे,
तुम्हारे लिए हम सभी कुछ सहेंगे।
तुम्हारे हैं हम प्रभु तुम्हारे रहेंगे॥

हमें ज्ञान दो लक्ष्य पहचान पायें,
हमें शक्ति दो तैर कर पार जाएँ।
तुम्हारे निकट हम पहुँच कर रहेंगे॥
तुम्हारे लिए हैं तुम्हारे रहेंगे,
तुम्हारे लिए हम सभी कुछ सहेंगे।
तुम्हारे हैं हम प्रभु तुम्हारे रहेंगे॥

भटकते हुओं को सही हम दिशा दें,
सिसकते हुओं को फिर से हँसा दें।
यही साधना उम्र भर हम करेंगे॥
तुम्हारे लिए हैं तुम्हारे रहेंगे,
तुम्हारे लिए हम सभी कुछ सहेंगे।
तुम्हारे लिए हैं तुम्हारे रहेंगे॥

करें स्वर्ग या मुक्ति की कामना क्यों?
करें मान या धन की याचना क्यों?
तुम्हीं प्राण धन हो तुम्हीं को वरेंगे॥
तुम्हारे लिए हैं तुम्हारे रहेंगे,
तुम्हारे लिए हम सभी कुछ सहेंगे।
तुम्हारे हैं हम प्रभु तुम्हारे रहेंगे।
तुम्हारे लिए हैं तुम्हारे रहेंगे॥