उन दिनों कैसेट का प्रचलन खूब जोर-शोर से था। गीतों के व परम पूज्य गुरुदेव के प्रवचनों के कैसेट तैयार किये जा रहे थे। कैसेट के इनले कार्ड में परम पूज्य गुरुदेव का चित्र देने का निर्णय हुआ। जब वं० माताजी को एक नमूना दिखाया गया तो वं० माताजी ने कैसेट को उलट-पलट कर देखा और बोलीं, ‘‘बेटा! मुझे और गुरुजी को कभी अलग मत समझना।’’ फिर बोलीं, ‘‘बेटा, आने वाले समय में दुनिया अपनी समस्याओं का समाधान मेरे गीतों में और पूज्य गुरुजी के प्रवचनों में (विचारों में) ढूँढ़ेगी।’’ — वं० माताजी
मित्रो! मैं व्यक्ति नहीं विचार हूँ।.....हम व्यक्ति के रुप में कब से खत्म हो गए। हम एक व्यक्ति हैं? नहीं हैं। हम कोई व्यक्ति नहीं हैं। हम एक सिद्धांत हैं, आदर्श हैं, हम एक दिशा हैं, हम एक प्रेरणा हैं।.....हमारे विचारों को लोगों को पढ़ने दीजिए। जो हमारे विचार पढ़ लेगा, वही हमारा शिष्य है। हमारे विचार बड़े पैने हैं, तीखे हैं। हमारी सारी शक्ति हमारे विचारों में समाहित है। दुनिया को हम पलट देने का जो दावा करते हैं, वह सिद्धियों से नहीं, अपने सशक्त विचारों से करते हैं। आप इन विचारों को फैलाने में हमारी सहायता कीजिए। — पूज्य गुरुदेव
(001): गुरुतत्त्व की गरिमा और महिमा — गुरुपू्र्णिमा पर्व 1978 प्रवचन July 1991 वां68
(002): भाव-सम्वेदना का विकास करना ही साधुता है Aug 1991
(003): साधना से सिद्धि Sep 1991 वां68
(004): संजीवनी विद्या बनाम जीवन जीने की कला — संजीवनी विद्या क्यों व किसके लिए? Nov 1991 वां68
(005): युगशोधन हेतु मनीषा को आमंत्रण (23 Nov 1979 प्रवचन) Jan 1992 वां68
(006): वासन्ती हूक, उमंग और उल्लास यदि आ जाए जीवन में — वसन्त पर्व 1978 को दिया प्रवचन Feb 1992 वां68
(007): सुसंस्कारी बनाए, कैसी हो वह शिक्षा? — गायत्री विद्यापीठ का शुभारम्भ, 1 जून 1980 Mar 1992 वां68
(008): नवरात्रि साधना का तत्त्वदर्शन Apr 1992 वां68
(009): युग शक्ति का अवतरण May 1992 वां68
(010): मनुज देवता बने, बने यह धरती स्वर्ग समान Sep 1992 वां68
(011): गायत्री उपासना की सफलता के आधारभूत तथ्य — उपासना सफल कैसे हो? Oct 1992 वां68
(012): गायत्री महाशक्ति की महान फलश्रुतियाँ (9 Feb 1978 प्रवचन) Dec 1992 वां68
(013): अनुदान की तीन शर्तें—तीन कसौटियाँ (वसन्त पर्व 1981 को दिया प्रवचन) Jan 1993 वां68
(014): भगवान शिव और उनका तत्त्वदर्शन — केन्या, मोम्बासा में (1972) परिजनों को दिया प्रवचन Feb 1993 वां68
(015): ब्रह्मतेजस के अभिवर्धन की साधनाः गायत्री उपासना Mar 1993 वां68
(016): भगवान के साथ साझेदारी घाटे का सौदा नहीं — हमने जीवन भर बोया एवं काटा Apr 1993 वां68
(017): हमारी स्वयं की गायत्री उपासना कैसे फली? — गायत्री जयन्ती 1983 का उद्बोधन May 1993 वां68
(018): श्रद्धा, सिद्धान्तों के प्रति हो — एक अंतरंग कार्यकर्ता गोष्ठी May 1993 वां68
(019): त्रिपदा गायत्री के तीन चरण व उनका मर्म Aug 1993 वां68
(020): दुर्गति और सद्गति का कारण, हम स्वयं Sep 1993
(021): आपत्तिकाल का अध्यात्म Oct 1993 वां68
(022): युग-परिवर्तन की पूर्व वेला एवं सन्धिकाल Nov 1993 वां68
(023): महायज्ञों का स्वरूप व उद्देश्य Dec 1993 वां68
(024): ब्रह्मवर्चस कैसे जगाती है गायत्री? Jan 1994 वां68
(025): सूक्ष्मीकरण में जनवरी 1986 का परमपूज्य गुरुदेव का वीडियो सन्देश Feb 1994
(026): सूक्ष्मीकरण के बाद का ऐतिहासिक वसन्त (1986) Mar 1994 वां68
(027): शक्ति भण्डार से स्वयं को जोड़ कर तो देखें July 1994 वां68
(028): कल्प-साधना और उसकी तात्त्विक विवेचना — कैसे हो आध्यात्मिक कायाकल्प Sep 1994 वां68
(029): कैसे हो आध्यात्मिक कायाकल्प — 2 Oct 1994 वां68
(030): आज के प्रज्ञावतार की, युग के देवता की अपील Nov 1994 वां68
(031): अनुग्रह के लिए अन्तराल का सुविकसित होना आवश्यक — आध्यात्मिक कायाकल्प की एक ही शर्त — पात्रता संवर्धन Dec 1994 वां68
(032): देवत्व विकसित करें, कालनेमि न बनें Jan 1995 वां68
(033): यज्ञों से सूक्ष्म वातावरण का संशोधन एवं जनमानस का परिष्कार Mar 1995 वां68
(034): शक्तिपात एवं कुण्डलिनी जागरण का तत्त्वदर्शन — नवरात्रि सत्र की विदाई Apr 1995 वां68
(035): हिमालय का अज्ञातवास एवं हमारी तपश्चर्या — देवात्मा हिमालय की यात्रा-उद्देश्य एवं भावी कार्यक्रम May 1995 वां68
(036): पंचकोशों का अनावरण — पाँच प्राण, पंच कोष, पाँच देवता Jun 1995 वां68
(037): देवात्मा हिमालय एवं ऋषि परम्परा July 1995 वां68
(038): प्रज्ञा योग की साधना Aug 1995 वां68
(039): हेमाद्रि संकल्प और उससे जुड़े अनुशासन Sep 1995 वां68
(040): युगनिर्माण योजना और उसके भावी कार्यक्रम Oct 1995 वां68
(041): अपने ब्राह्मण एवं सन्त को जिन्दा कीजिए Nov 1995
(042): साधना, समर्पण एवं वातावरण Dec 1995
(043): अन्तर की हूक को ही अवतार कहते हैं Jan 1996 वां68
(044): ओजस्वी, तेजस्वी एवं मनस्वी व्यक्तित्वों का निर्माण — गुरुवर का वासन्ती सन्देश Feb 1996 वां68
(045): धर्मतंत्र की गरिमा एवं महत्ता — (हम राजनीति में क्यों नहीं जाते?) Apr 1996
(046): कैसे होगा समन्वय, विज्ञान और अध्यात्म का? May 1996 वां68
(047): आत्मशोधन, आत्मपरिष्कार एवं कायाकल्प — तीर्थयात्रा बनाम प्रायश्चित प्रक्रिया Jun 1996 वां68
(048): तीर्थ सेवन एवं परिव्राजक धर्म July 1996 वां68
(049): वातावरण-परिशोधन हेतु युगशिल्पियों का दायित्व Aug 1996 वां68
(050): विषम परिस्थिति में नवयुग की तैयारी Oct 1996 वां68
(051): महाकाल की पुकार सुनें और जीवन को धन्य बनाएँ Nov 1996 वां68
(052): असामान्य समय हेतु असामान्य तैयारी — आपत्तिकाल में मोहग्रस्त बने न रहें Dec 1996 वां68
(053): प्रायश्चित क्यों? कैसे? Jan 1997 वां68
(054): युग-परिवर्तनकारी महाक्रान्ति में सहभागी बनें Feb 1997 वां68
(055): गायत्री महामंत्र की महत्ता Mar 1997 वां68
(056): आज की समस्याओं का हल—यज्ञीय दर्शन Apr 1997 वां68
(057): आद्यशक्ति गायत्री की युगान्तरीय चेतना Jun 1997 वां68
(058): मातृवाणी — भगवान भाव के भूखे होते हैं July 1997
(059): श्रद्धा — आस्तिकता का प्राण July 1997
(060): नया इनसान बनायेंगे, नया जमाना लायेंगे Aug 1997 वां68
(061): जीवन को धन्य बनाने का महानतम अवसर Sep 1997
(062): गायत्री परिवार की स्थापना का मूलभूत आधार — भारतीय संस्कृति के प्रतीक—शिखा और सूत्र Oct 1997 वां68
(063): विशिष्ट समय को समझें, अपनी रीति-नीति बदलें Dec 1997
(064): गायत्री उपासना का स्वरूप — गायत्री महाविद्या एवं उसकी साधना Jan 1998 वां68
(065): उपासना, साधना व आराधना Mar 1998
(066): प्रज्ञावतार की सत्ता का आश्वासन Apr 1998
(067): धर्मग्रन्थ हमें क्या शिक्षण देते हैं, यह जानें May 1998
(068): स्वयं को ऊँचा उठायें — व्यक्तित्ववान बनें Jun 1998
(069): महाकाल के सहभागी बनें July 1998
(070): अध्यात्म के सही मर्म को समझें Oct 1998
(071): संकल्पशक्ति की महिमा एवं गरिमा Nov 1998
(072): संकटकाल की यह सन्धिवेला एवं उपचार हेतु महापुरश्चरण Dec 1998
(073): ब्रह्मवर्चस् अर्जन की साधना व उसका मर्म Feb 1999
(074): परिष्कृत मनःस्थिति ही स्वर्ग है Apr 1999
(075): विवेक की साधना और सिद्धि May 1999
(076): विशिष्ठ वेला में विशिष्ट साधना Jun 1999
(077): कालनेमि की माया से बचें July 1999
(078): गुरु दक्षिणा चुकाएँ—समयदान करें Aug 1999
(079): नया व्यक्ति बनेगा, नया युग आएगा Sep 1999
(080): कैसे करें कायाकल्प? Oct 1999
(081): फिजाँ बदल देती है, अवतार की आँधी Nov 1999
(082): जीवन-साधना आवश्यक ही नहीं, अनिवार्य भी Mar 2000 वां68
(083): तपकर कुन्दन बनने की प्रक्रिया Apr 2000 वां68
(084): भक्ति का वास्तविक तात्पर्य समझें — कल्प साधना सत्र May 2000
(085): आत्मिक प्रगति का ककहरा Jun 2000
(086): पारस छूकर स्वर्ण बन जाएँ Aug 2000 वां68
(087): जीवन्त विभूतियों से भावभरी अपेक्षाएँ Sep 2000
(088): त्याग-बलिदान की संस्कृति — देवसंस्कृति Nov 2000
(089): हर दिन नया जन्म, हर दिन नई मौत Apr 2001
(090): आत्मविकास के चार महत्त्वपूर्ण सोपान May 2001
(091): सच्चा अध्यात्म आखिर है क्या? Jun 2001
(092): इन्सान के अन्दर का भगवान् जगाएँगी प्रतिभावान विभूतियाँ July 2001
(093): श्रावणी पर्व 85 पर कार्यकर्ताओं की रीति-नीति Aug 2001
(094): देवपूजन का मर्म Nov 2001
(095): कैसे विकसित हो आदर्श परिवार Jan 2002
(096): भगवान् के अनुदान किन शर्तों पर मिलते हैं Mar 2002
(097): गुरुसत्ता के महाप्रयाण के बाद मातृसत्ता का सन्देश — मातृवाणी Aug 2002
(098): नारी अपनी गरिमा को जाने और आगे बढ़े — मातृवाणी Oct 2002
(099): ध्यान क्यों करें? कैसे करें? Nov 2002
(100): आत्मा की भूख : उपासना — मातृवाणी Mar 2003
(101): मानव में देवत्व ऐसे उभरेगा Apr 2003
(102): अभिभावक हैं तो उत्तरदायित्व भी निभाइए May 2003
(103): गुरु को वरण करके तो देखिए — मातृवाणी July 2003
(104): अध्यात्म साधना का मर्म Aug 2003
(105): समस्त सिद्धियों का आधार तप Nov 2003
(106): जीवन-साधना के स्वर्णिम सूत्र Jan 2004
(107): यदि हो जाए ईश्वर के साथ साझेदारी Mar 2004
(108): बलिहारी गुरु आपकी जिन गोविन्द दियो मिलाय July 2004
(109): ऐसे होगी युग निर्माण के लक्ष्य की पूर्ति Sep 2004
(110): धर्मतंत्र का परिष्कार अत्यन्त अनिवार्य Nov 2004
(111): लोकमानस का आध्यात्मिक प्रशिक्षण Feb 2005
(112): आत्मदेव की साधना-आराधना May 2005
(113): जीवन के कायाकल्प हेतु स्वर्णिम सूत्र Aug 2005
(114): विचार-क्रान्ति ही एकमेव उपचार Sep 2005
(115): भक्ति सम्बन्धी भ्रान्तियाँ एवं उसका सच्चा विज्ञान Nov 2005
(116): परिष्कृत अध्यात्म हमारे जीवन में उतरे Mar 2006
(117): अध्यात्म का मर्म समझने हेतु बालिग बनिए Jul 2006
(118): साधना में प्राण आ जाए तो कमाल हो जाए Dec 2006
(119): संक्रान्तिकाल में परिजनों से विशेष अपेक्षाएँ Mar 2007
(120): परमार्थ में ही छिपा है सच्चा स्वार्थ Jun 2007
(121): युग-साधना में भागीदारी की दावत Sep 2007
(122): दो ही सम्पत्ति, दो ही विभूति: योग एवं तप Dec 2007
(123): यज्ञ एक शिक्षण भी, उच्चस्तरीय विज्ञान भी Apr 2008
(124): परिष्कृत तपःपूत वाणी से होते हैं चमत्कार Aug 2008 ऑडियो सुनें
(125): अपने भीतर के जखीरे को उभारने की कला है अध्यात्म Nov 2008 ऑडियो सुनें
(126): अध्यात्म और कुछ नहीं, भावनाओं का खेल है Feb 2009 ऑडियो सुनें-1 ऑडियो सुनें-2
(127): संस्कृति की सीता को लौटाकर लाने का ठीक यही समय Jun 2009 ऑडियो सुनें-1 ऑडियो सुनें-2
(128): युग-परिवर्तन की वेला में करें इन पंचशीलों का पालन Oct 2009 ऑडियो सुनें-1 ऑडियो सुनें-2
(129): मनुज देवता बने, बने यह धरती स्वर्ग समान Feb 2010 ऑडियो सुनें
(130): आध्यात्मिक शिक्षण क्या है? Apr 2010 ऑडियो सुनें
(131): सही अध्यात्म जीवन में आ जाए तो गजब ढा दे May 2010 ऑडियो सुनें
(132): मो को कहाँ ढूँढ़े बन्दे मैं तो तेरे पास रे Aug 2010 ऑडियो सुनें
(133): आ रहा है युगावतार, प्रज्ञावतार Oct 2010 ऑडियो सुनें-1 ऑडियो सुनें-2
(134): गर पूछे कोई मुझसे तो मैं कहूँ कि स्वर्ग बस यहीं है Mar 2011 ऑडियो सुनें
(135): महाकाल का शंख बज गया, समय बदलने वाला है May 2011 ऑडियो सुनें-1 ऑडियो सुनें-2
(136): जीवन साधना का मर्म है भक्ति, समझें उसका व्यापक रूप Oct 2011 ऑडियो सुनें-1 ऑडियो सुनें-2
(137): प्रतीक पूजा के पीछे छिपे संकेत और शिक्षाएँ Jan 2012 ऑडियो सुनें
(138): समझें देववाद का मर्म एवं लें उनसे शिक्षण Mar 2012 ऑडियो सुनें-1 ऑडियो सुनें-2
(139): अध्यात्म के सही स्वरूप का पुनर्जागरण July 2012 ऑडियो सुनें
(140): गायत्री ही कामधेनु है Oct 2012 ऑडियो सुनें-1 ऑडियो सुनें-2
(141): युग-परिवर्तन के ऐतिहासिक समय में हमारे दायित्व Mar 2013 ऑडियो सुनें-1 ऑडियो सुनें-2
(142): अध्यात्म का पहला पाठ — कर्मयोग July 2013 ऑडियो सुनें-1 ऑडियो सुनें-2
(143): ज्ञानयोग का तत्त्वदर्शन Nov 2013 ऑडियो सुनें
(144): गायत्री परिवार का उद्देश्य — पीड़ा और पतन का निवारण Feb 2014 ऑडियो सुनें
(145): लोक-शिक्षकों के जीवन का लक्ष्य एवं उद्देश्य May 2014 ऑडियो सुनें-1 ऑडियो सुनें-2
(146): मनुष्य शरीर की वास्तविक सम्पदाएँ Sep 2014 ऑडियो सुनें
(147): आध्यात्मिक उत्कर्ष के सोपान — योग और तप Jan 2015 ऑडियो सुनें
(148): सूक्ष्मजगत के परिशोधन हेतु गायत्री-साधना के विशेष प्रयोग May 2015 ऑडियो सुनें
(149): सृजनसैनिकों को दिशा-निर्देश Jun 2015 ऑडियो सुनें-1 ऑडियो सुनें-2
(150): आध्यात्मिकता की सच्ची कसौटी Oct 2015 ऑडियो सुनें
(151): अध्यात्म की तीन शिक्षाएँ Nov 2015 ऑडियो सुनें
(152): नकद धर्म है अध्यात्म Jan 2016 ऑडियो सुनें-1 ऑडियो सुनें-2
(153): भारतीय संस्कृति के निर्माता—यज्ञ पिता, गायत्री माता Jun 2016 ऑडियो सुनें
(154): यज्ञ का तत्त्वदर्शन Aug 2016 ऑडियो सुनें
(155): अध्यात्म की वास्तविक सम्पदाएँ Oct 2016 ऑडियो सुनें-1 ऑडियो सुनें-2
(156): मानव जीवन की गौरव गरिमा Mar 2017 ऑडियो सुनें
(157): समाज निर्माण की प्रयोगशाला है परिवार Apr 2017 ऑडियो सुनें
(158): कर्तव्यपालन ही है सच्चा कर्मयोग May 2017 ऑडियो सुनें
(159): कैसे प्राणवान बने साधना? Jun 2017 ऑडियो सुनें-1 ऑडियो सुनें-2
(160): सुर दुर्लभ है यह मनुष्य का जीवन Oct 2017 ऑडियो सुनें-1 ऑडियो सुनें-2
(161): जीवन के देवता को आओ तनिक सँवारें Feb 2018 ऑडियो सुनें-1 ऑडियो सुनें-2
(162): अध्यात्म का वास्तविक स्वरूप Jul 2018 ऑडियो सुनें-1 ऑडियो सुनें-2
(163): आत्मिक उन्नति का राजमार्ग—विद्या Dec 2018 ऑडियो सुनें
(164): विज्ञानमयकोश की साधना—करुणा का जागरण Jan 2019 ऑडियो सुनें-1 ऑडियो सुनें-2
(165): मनुष्य में देवत्व का उदय May 2019 ऑडियो सुनें
(166): चेतना का परिष्कार—अध्यात्म Aug 2019 ऑडियो सुनें
(167): आध्यात्मिकता का आधार—पारिवारिकता Nov 2019 ऑडियो सुनें
(168): समग्र जीवन के सुदृढ़ आधार—योग एवं तप Feb 2020 ऑडियो सुनें
(169): आध्यात्मिकता के मूल सिद्धान्त Apr 2020 ऑडियो सुनें-1 ऑडियो सुनें-2
(170): अध्यात्म—अन्तरंग का परिष्कार Aug 2020 ऑडियो सुनें
(171): गायत्री की पंचकोशी साधना Oct 2020 ऑडियो सुनें
(172): व्यक्तित्व का परिष्कार Jan 2021 ऑडियो सुनें
(173): परिव्राजक परम्परा का पुनर्जीवन Apr 2021 ऑडियो सुनें
(174): कामधेनु है गायत्री Jun 2021 ऑडियो सुनें
(175): वेदमाता, देवमाता, विश्वमाता Aug 2021 ऑडियो सुनें
(176): ज्ञान और पराक्रम का पथ अध्यात्म Oct 2021 ऑडियो सुनें
(177): करोड़ों का परिवार—समर्पण है आधार — मातृवाणी Dec 2021 ऑडियो सुनें
(178): अध्यात्म का सच्चा स्वरूप — मातृवाणी Jan 2022 ऑडियो सुनें
(179): मनुष्य में देवत्व का उदय — मातृवाणी Feb 2022
(180): वसन्त—श्रद्धा, समर्पण व बलिदान का पर्व — मातृवाणी Apr 2022
(181): परिवार—एक पाठशाला — मातृवाणी May 2022
(182): जिएँ ईमानदारी का जीवन — मातृवाणी Jun 2022
(183): आत्मसमीक्षा का पर्व — मातृवाणी July 2022
(184): नारी का सम्मान जहाँ है — मातृवाणी Aug 2022
(185): देवत्व के जागरण का आधार यज्ञ — मातृवाणी Sep 2022
(186): गायत्री मन्त्र की अद्भुत शक्ति — मातृवाणी Oct 2022
(187): गायत्री की चमत्कारिक शक्ति — मातृवाणी Nov 2022
(188): गुरुसत्ता को श्रद्धांजलि — मातृवाणी Dec 2022
(189): सन्त के अनुयायी हैं हम — मातृवाणी Jan 2023
(190): गायत्री उपासना का प्रतिफल — मातृवाणी Feb 2023
(191): समय की पुकार सुनें — मातृवाणी Mar 2023
(192): तपश्चर्या के लाभ — मातृवाणी May 2023
(193): इस युग के भगीरथ — मातृवाणी July 2023
(194): प्रबुद्धों को आमंत्रण — मातृवाणी Sep 2023
(195): अनुदान और वरदान — मातृवाणी Nov 2023
(**): आपका विवाह हम भगवान् से कराना चाहते हैं
(**): धर्मतंत्र का परिष्कार अत्यन्त अनिवार्य
(**): हमारा कुटुम्ब, तब और अब
(**): नया समय, नया काम और नई जिम्मेदारियाँ
(**): आप अपने आपको पहचान लीजिये कि आप सामान्य आदमी नहीं हैं, असामान्य हैं
(**): जीवन साधना बनाम दिव्यता की खेती
(**): श्रावणी पर्व पर प्रज्ञा परिजनों के नाम सन्देश
(**):